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नजर व हाक दूर करने के शाबर मंत्र

 नजर व हाक दूर करने के शाबर मंत्र  बालक पर नजर /हाक दोष का मंत्र  ॐ सतनाम आदेश गुरु का।  आदेश पवन पानी का।  नाद अनाहद दुन्दुभी बाजे।  जहां बैठी जोगमाया साजे।  चौंसठ योगिन बावन वीर।  बालक को हरे सब पीर।  आठों जात शीतल जानिये।  बन्ध -बन्ध वारे जात मसान।  भूत -बन्ध , प्रेत बन्ध , छल बन्ध।  छलिद्र बन्ध सबको मारकर भस्मन्त।  सतनाम आदेश गुरु का।  नजर उतारने का मंत्र  ॐ नमो सत्य आदेश गुरु को , ॐ नमो नजर जहां पर पीर न जानी , बोले छल सों अमृतवानी , कहो नजर कहा ते आई , यहां की ठौर तोहि कौन बताई  कौन जात तेरो कहां ठाह  किसकी बेटी कहा तेरो नाम  कहां से उड़ी कहां को जाया , अब ही बसकर ले तेरी माया , मेरी बात सुनो चित लाय , जैसी होय सुनाऊं आय , तेलन , तमोलन , चुहड़ी , चमारी , कायथनी , खतरानी , कुम्हारी , महतरानी , राजा की रानी , जाको दोष ताही के सिर पड़े , जाहर पीर नजर से रक्षा करे , मरी भक्ति , गुरु की शक्ति , फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।  दृष्टिदोष (नजर ) निवारण मंत्र  काली काली महाकाली  इंद्र की बेटी ब्र...

शाबर मंत्र सिद्धि में आत्म सुरक्षा

 शाबर मंत्र सिद्धि में आत्म सुरक्षा  ॐ नमो आदेश गुरु को ! अजरी बांधू वजरी बांधू बांधू दसई किवाड़ , आन पड़ी हनुमान की रक्षा राम की कार। पहली चौकी गज गणपति की , दूजी विकत वीर हनुमान। तीजी चौकी भुमिया भैरव , चौथी नरसिंह की आन। जो इन्हई चौकी का लांघे , तुरतहि धूल भसम हो जावे। दुश्मन -वैरी जो कोई करे , उलट वाही पे उल्टा पड़े। मेरी रक्षा गुरु गोरख करें , सत्यनाम आदेश गुरु को। आत्म सुरक्षा का पहला मंत्र  उत्तर बांधों , दक्खिन बांधो , बांधो मरी मसानी  डायन , भूत के गुण बांधो बांधो कुल परिवार  नाटक बांधो , चाटक बांधो , बांधो भुइयां वैताल  नजर गुजर देह बांधो , राम दुहाई फेरों।  आत्म सुरक्षा का दूसरा मंत्र  जल बांधों थल बांधों , बांधों अपनी काया  सात सौ योगिनी बांधों , बांधों अपनी काया  दुहाई कामरू कामाक्षा नैना योगिनी की  दुहाई गौरा पार्वती की , दुहाई वीर मसान की  आत्म रक्षा का सिद्ध साबर मंत्र  छोटी मोटी थमंत वार को वार बांधे  पार को पार बांधे , मरघट मसान वांधे  टौना टंवर बांधे , जादू वीर बांधे  दीठ मूठ बांधे , चोरी छीन...

मंत्र सिद्धि और साधना

 मंत्र सिद्धि और साधना  गुरु सठ गुरु सठ गुरु हैं वीर  गुरु साहब सुमरौं बड़ी मांत  सिंगी तोरों बन कहौं  मन नाऊं करतार  सकल गुरुन का हर भजै  घट्टा पकर उठ जाग  चेत सम्भार श्री परमहंस